भारत में स्ट्रीट डॉग्स पर अत्याचार
परिचय
भारत में स्ट्रीट डॉग्स (सड़क के कुत्ते) की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इन बेजुबान जानवरों को अक्सर समाज में तिरस्कार और क्रूरता का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग इन पर दया दिखाते हैं, लेकिन अधिकतर लोग इन्हें मारते-पीटते हैं, जहर देते हैं, या अमानवीय तरीकों से नुकसान पहुंचाते हैं।
स्ट्रीट डॉग्स पर होने वाली क्रूरता
- मार-पीट और प्रताड़ना – कई बार लोग इन्हें बिना किसी कारण लाठी-डंडों से मारते हैं या पत्थर फेंककर घायल कर देते हैं।
- जहर देकर हत्या – कुछ लोग या नगर निगम के कर्मचारी इन कुत्तों को जहर देकर मारने की कोशिश करते हैं, जो एक अमानवीय कृत्य है।
- भूख और प्यास से मरना – कई कुत्ते भोजन और पानी के अभाव में दम तोड़ देते हैं।
- गाड़ियों से कुचलना – सड़क पर लापरवाही से वाहन चलाने के कारण कई कुत्ते दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं।
- कुत्तों के प्रति नकारात्मक सोच – कुछ लोग इन्हें खतरनाक मानते हैं और अनावश्यक रूप से इनसे डरते या नफरत करते हैं।
कानूनी प्रावधान और जागरूकता
भारत में पशु क्रूरता को रोकने के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 लागू है, जो स्ट्रीट डॉग्स को मारने या उनके साथ दुर्व्यवहार करने पर दंड का प्रावधान करता है। सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट्स ने भी इन बेजुबानों की सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं।
समाधान और उपाय
- स्ट्रीट डॉग्स को अपनाने और उनकी देखभाल करने की प्रवृत्ति विकसित करनी चाहिए।
- नगर पालिकाओं को कुत्तों की नसबंदी (Sterilization) और टीकाकरण (Vaccination) को बढ़ावा देना चाहिए।
- लोगों को जागरूक करना चाहिए कि स्ट्रीट डॉग्स हमारे पर्यावरण का हिस्सा हैं और उन्हें भी जीने का अधिकार है।
- पशु क्रूरता की घटनाओं की सूचना पुलिस और पशु अधिकार संगठनों को देनी चाहिए।
- एनजीओ और पशु प्रेमियों को साथ आकर इन कुत्तों के लिए आश्रय स्थल और भोजन उपलब्ध कराना चाहिए।
निष्कर्ष
स्ट्रीट डॉग्स भी हमारी दुनिया का हिस्सा हैं, और हमें उनके प्रति दयालुता और सहानुभूति दिखानी चाहिए। यदि हम इन बेजुबानों के लिए प्यार और सम्मान की भावना रखें, तो समाज में पशु क्रूरता की घटनाओं में कमी आएगी। इन्हें बचाने और इनका जीवन सुधारने की दिशा में हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। (रोहित कुमार )


