सोसाइटी में डॉग फीडर महिला को 7 महीने से धमकियाँ, हमला — पुलिस कार्रवाई न होने पर मामला कोर्ट पहुँचा

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Location: SBP City of Dreams, Sector-115, Kharar / Mohali

सोसाइटी में डॉग फीडर महिला को 7 महीने से धमकियाँ, हमला — पुलिस कार्रवाई न होने पर मामला कोर्ट पहुँचा
रिपोर्टर डेस्क | खरड़
खरड़ के SBP City of Dreams (सेक्टर-115) में सामुदायिक कुत्तों को खाना खिलाने वाली महिला पर लगातार उत्पीड़न और धमकियों का मामला सामने आया है। महिला रत्तिका, जो सोसाइटी में कई वर्षों से community dogs को भोजन, नसबंदी और वैक्सीनेशन करवा रही हैं, का आरोप है कि सोसाइटी के कुछ लोग पिछले सात महीनों से उन्हें धमका रहे हैं, गाली-गलौज कर रहे हैं और कुत्तों को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं।
रत्तिका के अनुसार उन्होंने अपने खर्च पर सभी community dogs की नसबंदी और vaccination करवाया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार उन्होंने सोसाइटी में कई बार feeding point बनाने का अनुरोध किया, लेकिन सोसाइटी के कुछ सदस्यों ने न केवल feeding point नहीं बनने दिया, बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकियाँ तक दीं।
रत्तिका ने बताया कि कुछ लोग अपने छोटे बच्चों को कुत्तों पर पत्थर मारने के लिए उकसाते हैं, ताकि कुत्ते भौंके और उन्हें aggressive घोषित करके हटाने का बहाना बनाया जा सके। इन घटनाओं के वीडियो और CCTV फुटेज मौजूद हैं।
उनका कहना है:
“मैं पिछले 7 महीनों से पुलिस को शिकायत दे रही हूँ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब मेरी इज़्ज़त और जान खतरे में है, लेकिन मैं इन बेज़ुबान जीवों के लिए लड़ाई जारी रखूँगी।”
NGO ने लगाया गंभीर आरोप
इस मामले में Human and Animal Welfare Foundation भी सामने आया है।
NGO के निदेशक रोहित कुमार ने कहा:
“हमने सोसाइटी के लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन वे समझने को तैयार नहीं। उल्टा गाली-गलौच और महिला पर हमला तक किया गया। कई बार बच्चों को जानबूझकर कुत्तों को मारने के लिए कहा गया ताकि कुत्ते प्रतिक्रिया दें और उन्हें हटाने का बहाना मिल जाए। हमारे पास CCTV फुटेज है जिसे हमने कोर्ट में जमा कर दिया है।”
NGO ने बताया कि मामला अब खरड़ कोर्ट में पहुंच चुका है।
कानूनी मांगें
NGO और महिला फीडर ने प्रशासन और पुलिस से यह माँग की है:
महिला फीडर को तुरंत सुरक्षा दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार सोसाइटी में feeding point बनाया जाए।
कुत्तों पर और महिला पर हमला करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

सोसाइटी में उत्पीड़न, धमकियों और पुलिस की निष्क्रियता ने इस मामले को गंभीर बना दिया है। घटना को लेकर पशु-संरक्षण समूहों में रोष है। NGO का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेगा।

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