Chandigarh/मोहाली (रोहित) चंडीगढ़ में 550 से अधिक फर्जी इमिग्रेशन कंपनियां चल रही हैं। शहर में पिछले साल 2024 में लगभग 250 करोड़ की धोखाधड़ी हुई है। चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक हर साल इमिग्रेशन फ्रॉड की सैकड़ों शिकायतें आती हैं। साल 2024 में पुलिस ने 116 इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ 190 एफआईआर दर्ज की। वहीं, मोहाली में 222 एफआईआर दर्ज हुई। चंडीगढ़ में 411 इमिग्रेशन कंपनियां पुलिस की वेबसाइट पर पंजीकृत हैं। चंडीगढ़ में कई ऐसी कंपनियां भी थीं, जो लोगों को करोड़ों रुपये लेकर भाग गईं। जानकारों ने बताया कि कुछ लोग सिर्फ धोखाधड़ी के लिए ही अलग-अलग राज्यो में जाकर फर्जी इमिग्रेशन कंपनियां चलाते हैं और फिर करोड़ों रुपये लेकर भाग जाते हैं। शिकायतों के अनुसार इमिग्रेशन कंपनियां विदेश भेजने के नाम पर 20 से 50 लाख रुपये तक वसूलते हैं। रकम लेने के बाद लोगों के इमिग्रेशन कंपनियों के चक्कर कटवाए जाते हैं। जब पुलिस शिकायत होती है तो कार्रवाई के डर से आधी रकम लौटाने की बात कहकर सेटलमेंट कर लेते हैं। कुछ लोग तो पुलिस कार्रवाई करने के लिए कहते हैं, लेकिन कुछ लोग नहीं करते।जनवरी में 15 से अधिक कंपनियों पर हुई कार्रवाई
पिछले महीने पुलिस ने 15 से ज्यादा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है। सेक्टर-17 में बिना पुलिस वेरिफिकेशन के इमिग्रेशन कंपनियां चलाने वाले छह संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। सेक्टर-17, सेक्टर-34 और सेक्टर-26 में इमिग्रेशन कंपनियां चलाने वाले कई लोग दफ्तरों पर ताले लगाकर भाग चुके हैं। इनके खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने केस भी दर्ज किए हैं। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
तीन महीने में 55 इमिग्रेशन कंपनियों पर कसा शिकंजा
पुलिस ने पिछले तीन महीने में इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इमिग्रेशन संचालकों के खिलाफ पिछले तीन महीनों में लगभग 55 से अधिक केस दर्ज किए हैं। इसमें ज्यादातर मामले विदेश भेजने के नाम पर ठगी के हैं। इसके अलावा बिना परमिशन और पुलिस वेरिफिकेशन के चलने वाली कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं। इसमें कई इमिग्रेशन संचालकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फर्जी इमिग्रेशन कंपनियां चलाने वाले पुलिस की कार्रवाई से कंपनियां बंद कर चंडीगढ़ छोड़कर भाग चुके हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।


